प्यार से प्यार करो- यह जिन्दगी प्यार की है, प्यार बिना भी क्या जीना, यह भी कोई जिन्दगी है, यह हिन्दी गाना आपने सुना हो या न सुना हो, परन्तु यह गाना-जिन्दगी के लिए बहुत आवश्यक है-यह हम नही यह विज्ञान कह रहा है-
अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमोलॉजी में प्रकाशित शोध की मानें तो प्यार भरे रिश्ते में रहने वाले लोगों का जीवनकाल अधिक होता है। शोध की मानें तो सिंगल लोगों को समय से पहले मृत्यु का खतरा शादीशुदा या कमिटेड लोगों की अपेक्षा 32 प्रतिशत अधिक होता है। प्यार का अहसास न सिर्फ आपके जीवन में खुशहाली भरता है बल्कि सेहत से जुड़े कई ऐसे फायदों की वजह हो सकता है जिनकी जानकारी आपको हैरान करेगी। यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित शोध की मानें तो लंबे समय तक प्यार में रहने वाले लोगों और खुशहाल संबंध में रहने वाले लोगों को दिल की बीमारी का रिस्क कम होता है।
साइकोलॉजिकल साइमस जर्नल में प्रकाशित शोध की मानें तो शादीशुदा या लंबे समय तक संबंध में रहने वाले लोगों को दिल में दौरे से उबरने की संभावना तीन गुना अधिक होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के शोधकर्ताओं ने अपने अद्ययन के आधार पर दावा किया है कि प्यार में पड़े लोगों के शरीर में कोर्टिजोल नामक स्ट्रेस हार्मोन कम बनता है।
शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने 500 प्रतिभागियों पर किए अपने शोध में यह निष्कर्ष निकाला है। पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित शोध में माना गया है कि नौ से 10 महीने के बाद प्यार भरे संबंधों में रहने वाली महिलाओं को पीरियड्स के दर्द का अहसास कम होता है।
शोधकर्ताओं ने महिलाओं को उनके साथी की तस्वीरें दिखाकर दर्द के दौरान दिमाग का परीक्षण किया और पाया कि उन्हें दर्द का अहसास कम होता है। ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की मानें तो प्यार में पड़े लोगों को हाई बीपी की दिक्कत सिंगल लोगों की अपेक्षा कम होती है। स्त्रोत : हिमाचल गौरव उत्तराखंड, शीर्षक "प्यार से प्यार करो- यह हम नही विज्ञान कह रहा है"
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