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"हर एक स्त्री और पुरुष को प्यार करने और प्यार पाने का जन्मजात और प्राकृतिक अधिकार है। इसलिए हर एक व्यक्ति को प्रेम सम्बन्ध में होना चाहिए।"-"Every Woman and Man Have Inherent and Natural Right to Love and being Loved. Therefore Every Person Should be in Loving Relationship."

Wednesday 6 November 2013

गर्भावस्था के दौरान संभोग (सेक्स)

गर्भावस्था अनेक दम्पतियों के लिए यौन संबंधों का एक अच्छा समय होता है। जबकि दूसरों के लिए यह चिंता का समय होता है।

आपके पति को भी शायद आप बहुत आकर्षक लगें। लेकिन उसकी (पति की यौन) इच्छा आपकी सेहत के बारे में डर, या बच्चे के बारे में फ़िक्र से हलकी पड़ सकती है। 

गर्भावस्था के दौरान संभोग के बारे में कोई संदेह या डर के बारे में अपने डॉक्टर के साथ खुल कर चर्चा करें।

क्या मैं गर्भावस्था के दौरान संभोग कर सकती हूँ?

जब आप गर्भवती हों, तब यौन सम्बन्ध नुकसानदायक नहीं है। एक सामान्य गर्भावस्था में आप प्रसव तक यौन सम्बन्ध बना सकती हैं। बहरहाल, कुछ भारतीय समुदायों में यह आम है कि गर्भवती महिला को प्रसव के लिए उसके माता-पिता के घर भेज दिया जाता है। यह विश्वास किया जाता है कि अंतिम कुछ हफ्तों के दौरान संभोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे समय से पहले प्रसव पीड़ा हो सकती है। (जो पूरी तरह सच नहीं है) 

इस संबंध में सबसे पहले अपने डाक्टर से सलाह करें, यदि निम्न स्थिति हो:-

  1. यदि आपको गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव जैसी कोई समस्या हो या आपका गर्भपात का इतिहास हो।
  2. यदि आपने गर्भधारण के लिए कोई उपचार करवाया हो या आपकी उम्र 35 वर्ष से अधिक हो। कुछ महिलाओं में हार्मोनों में बदलाव के साथ संभोग की अधिक इच्छा जागृत होती है और कुछ में संभोग के प्रति पूरी उदासीनता होती है।
  3. यदि आपने गर्भावस्था के प्रारंभ में स्पोटिंग या रक्तस्राव महसूस किया हो।
  4. यदि आप या आपके पति (दोनों में से कोई भी) यौन रोग से पीड़ित हों।
  5. याद रखें की एक साथ (आपस में) अच्छा महसूस करने के लिए सहवास (सेक्स) ही एकलौता तरीका नहीं है। जहां तक हो सके एक-दूसरे के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताएं।
  6. आप एक दूसरे की मालिश करके भी अपना प्यार व्यक्त कर सकते हैं या एक साथ आराम से स्नान कर सकते हैं अथवा एक दूसरे के साथ लिपट कर सो सकते हैं।
  7. अपने पति से बातचीत करें, कि आप कैसा महसूस करती हैं और आप दोनों में नजदीकी के लिए एक दूसरे के हाथ थामना और आलिंगन (करना) जैसे अन्य तरीके भी अपना सकती हैं।
निम्न क्रियाओं से बचें:
  1. कोमलतापूर्वक प्रेम सम्बन्ध रखें। अगर आपको तकलीफ होती है तो गहरे भेदन (यौनि में अधिक गहराई तक लिंग का प्रवेश कराने या जोर-जोर से लिंग के धक्के लगवाने) से बचें। 
  2. संभोग के दौरान किसी बाहरी वस्तु का इस्तेमाल न करें।
  3. उन टबों या बिस्तरों या काऊचों पर संभोग न करें जो कमज़ोर हों।
  4. संभोग के बाद अपने जननांग क्षेत्र को पूरी तरह से एक साफ तौलिये या टिशू-पेपर से साफ करें।
  5. (ऐसी) चिकनाई युक्त क्रीम या जेल से बचें, जिनसे जलन या एलर्जी हों सकती है |
क्या संभोग से शिशु को नुकसान हो सकता है?

सम्भोग करने से आपके शिशु को नुक्सान नहीं पहुंचेगा। एक गाढ़ा म्यूकस प्लग (यानि श्यश्मा पिंड) कोख के द्वार (को गर्भ धारण के बाद) बंद कर देता है और (ये) संक्रमण से बचाव में मदद करता है। "पानी की थैली" और गर्भाशय की मांसपेशियां आपके शिशु की रक्षा करते हैं। 

आपके चरमोत्कर्ष के बाद आपका बच्चा हिल-डुल सकता है, लेकिन ये (लिंग के धक्कों के कारण ही हो ऐसा नहीं है बल्कि) इस कारण है, क्योंकि उसे (गर्भ में बच्चे को) आपका धधकता हुआ दिल महसूस होता है। यह इस कारण से नहीं है की उसे पता है की क्या (सेक्स) हो रहा है , या उसे दर्द महसूस हो रहा है।

क्या सम्भोग पहले जैसा अच्छा लगेगा?

कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान संभोग में बहुत आनंद आता है, क्योंकि अब उन्हें गर्भधारण और परिवार नियोजन की कोई चिंता नहीं होती। बढ़े हुए रक्त प्रवाह का अर्थ है कि आपकी यौन सम्बन्ध की अनुभूति बढ़ गयी है। परन्तु इसी कारण कुछ महिलाओं में संभोग के बाद भारी सा प्रतीत होता है। कुछ महिलाओं को सहवास के दौरान परेशानी महसूस होती है, या पेट में मरोड़ हो जाती है।

गर्भधारण के बाद मुझे संभोग के प्रति रूचि नहीं है, क्या यह सामान्य है?

जी हां, आपके शरीर में होने वाले इतने भारी बदलावों से आपकी संभोग के प्रति संवेदना में बदलाव आ सकता है। कुछ महिलाओं में यह संवेदना पहले से अधिक हो जाती है, जबकि कुछ अत्यधिक थकान या मितली आने सा महसूस करती हैं, विशेषकर पहली तिमाही में। दूसरी तिमाही में प्राय: काम प्रवृति की इच्छा अधिक जागृत होती है। परन्तु तीसरी तिमाही में यह इच्छा शिशु के जन्म, दर्द और आपके बढ़ते हुए पेट के कारण फिर से कम हो जाती है और यह भी हो सकता है की आप खुद को अनाकर्षक सा समझ रहीं हों ।

क्या इस दौरान मेरे पति की संभोग संवेदनशीलता बदलेगी?

अधिकांश पुरुषों को अपनी गर्भवती पत्नियां बहुत आकर्षक लगती हैं, परन्तु उनकी संभोग के प्रति इच्छा पत्नी और शिशु के स्वास्थ्य, पिता बनने के बोझ के भय, यह भावना कि इससे शिशु को नुकसान हो सकता है अथवा अपने अजन्मे बच्चे की मौजूदगी में ऐसा करने के बारे में स्वचेतना से कम हो सकती है।

क्या ओरल सेक्स सुरक्षित है?

हां, सामान्य ओरल सेक्स से आपको तथा आपके शिशु को कोई नुकसान नहीं पहुँचता और अनेक पति-पत्नियों को संभोग का जोखिम उठाने के बजाए यह तरीका बेहतर लगता है।

संभोग के समय कौन सी स्थितियाँ आरामदायक हैं?

गर्भावस्था के दौरान अपनाई जाने वाली कुछ स्थितियाँ और नुस्खे नीचे दिये गये हैं:-

एक ओर होकर लेटें। आम तौर पर बड़े पेट पर पति के लेटने से आपको कुछ कठिनाई भी महसूस हो सकती है। हो सकता है की आपके पति को भी यह मुद्रा आरामदेह न लगे। परन्तु एक ओर लेटने से आपके पति का वज़न आपके गर्भाशय पर नहीं पड़ता।
साथ-साथ दो चम्मचों की तरह लेटें,
बिस्तर को एक माध्यम के रूप में इस्तमाल करें। यदि आप बिस्तर के एक ओर या छोर पर अपनी पीठ के बल लेटें तथा अपने घुटनों को मोड़ कर रखें और अपने नितंबों और पांवों को गद्दे के किनारों पर रखें तो आपका पेट इस क्रिया में बाधक नहीं बनेगा।

साथ-साथ दो चम्मचों की तरह लेटें, जिसमें पुरुष (का लिंग) महिला में सुरक्षित स्तर तक प्रवेश करता है। जैसे-जैसे गर्भधारण की अवधि बढ़ती है, गहरे भेदन से महिला को परेशानी हो सकती है।

अपने पति के ऊपर से आएँ। इससे आपके पेट पर कोई भार नहीं पड़ेगा और आप पुरुष के शिश्न के प्रवेश पर नियंत्रण रख पायेंगी।
बैठी हुई स्थिति से ही प्रवेश करायें, जिससे आपके गर्भाशय पर कोई वज़न नहीं पड़ेगा। अपने पति की गोद में बैठने का प्रयास करें, जब वह एक मजबूत सी कुर्सी पर बैठा हो।
    याद रखें कि जहाँ चाह वहाँ राह। कुछ प्रयोग करके आप तथा आपके पति अवश्य ऐसा तरीका ढूंढ निकालेंगे जो आपके लिए फायदेमंद हो।
    Source : Baby Center, September 2011

    2 comments:

    1. Mere wife ka man kq nahi hota hai ser koe bhi ang chu le to phir bhi nahi hota h keq samadhan bataye

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    2. Our mera man bahout hota h lekin ham jaldi discharge ho gate h

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