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"हर एक स्त्री और पुरुष को प्यार करने और प्यार पाने का जन्मजात और प्राकृतिक अधिकार है। इसलिए हर एक व्यक्ति को प्रेम सम्बन्ध में होना चाहिए।"-"Every Woman and Man Have Inherent and Natural Right to Love and being Loved. Therefore Every Person Should be in Loving Relationship."

Sunday 20 October 2013

वीर्य महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अमृत

न्‍यूयॉर्क। सेक्‍स महिलाओं को न केवल रिचार्ज करता है, बल्कि तनाव और अवसाद अर्थात डिप्रेशन (depression) से उबरने में भी उनकी मदद करता है। एक नए शोध में पता चला है कि पुरुषों के वीर्य में मौजूद रसायन महिलाओं के शरीर में रसायनिक बदलाव ले आता है, जिससे उनका मूड खुशगवार हो जाता है।

मेल ऑनलाइन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सिमेन अर्थात पुरुष वीर्य महिलाओं के सेहत के लिए दवा का काम करता है और उन्‍हें डिप्रेशन से उबारने में मदद करता है। शोध में कहा गया है कि वीर्य में कई ऐसे रासायन पाए जाते हैं तो जो न केवल मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए दवा का काम करते हैं, बल्कि आपसी प्रेम को बढ़ाने में भी सहायक हैं। शोध यह भी कहता है कि असुरक्षित यौन संबंध के दौरान योनि के जरिए हो या मुख मैथुन के जरिए, वीर्य महिलाओं के अंदर पहुंच कर उनके मूड में जबरदस्‍त बदलाव लाने में सहायक है।

आखिर ऐसा क्‍या है पुरुषों के वीर्य (Semen) में 
शोधकर्ताओं के अनुसार, वीर्य में ऐसा रसायन होता है तो महिलाओं में अनुराग और प्रेम के स्‍तर को बढ़ा देता है। उनके मानसिक दशा में तत्‍काल सकारात्‍क बदलाव देखने को मिलता है। सेक्‍स के बाद महिलाएं गहरे नींद की आगोश में जाना चाहती हैं, जो उनके तनाव को कम करने में सहायक है। वीर्य में ऐसे रसायन हैं जो अवसादक यानी एंटी डिप्रेशन दवा का काम करते हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं के पुरुष साथी हमेशा कंडोम लगाकर सेक्‍स करते थे, उनमें तनाव का स्‍तर ज्‍यादा था, बनिस्‍पत उन महिलाओं के जिनके पुरुष साथी हमेशा असुरक्षित संभोग ही करते थे। बिना कंडोम के संभोग पसंद करने वाली महिलाओं ने संज्ञानात्‍मक टेस्‍ट अर्थात भावनात्‍मक परीक्षा में बेहतरीन स्‍कोर किया। यानी ऐसी महिलाएं भावना या संवेदना के अधिक नजदीक पाई गईं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, वीर्य में शुक्राणु के साथ-साथ कॉर्टिसोल भी पाया जाता है। कॉर्टिसोल लगाव बढ़ाने और तनाव घटाने वाला एक हार्मोन है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला एस्‍ट्रोन मूड बनाने और ऑक्‍सीटॉक्सिन को बढ़ाने में सहायक है। यही नहीं, तनाव कम करने वाला थायरोट्रोपिन और नींद बढ़ाने वाला मेलाटोनिन हार्मोन भी वीर्य में मौजूद होता है, जो तनाव घटाने वाला हार्मोन है।

यही नहीं, इसमें सेरोटोनिन हार्मोन की भी अच्‍छी मात्रा होती है। सेरोटोनिन को अवसाद कम करने वाला न्‍यूरोट्रांसमीटर तक कहा जाता है। स्‍त्री के अंदर वीर्य का स्राव होते ही ये सारे हार्मोन काम करने लगते हैं, जो उनके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने वाला साबित होता है।


सर्वे का तरीका
द स्‍टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्‍यूयॉर्क के वैज्ञानिकों ने विश्‍वविद्यालय परिसर में रहने वाली 293 महिलाओं पर यह शोध किया। सर्वे में शामिल महिलाओं के सेक्‍स के प्रयोगात्‍मक अनुभव और उनकी यौन जिंदगी के आधार पर प्रश्‍न पूछे गए, जिसके आधार पर यह निष्‍कर्ष निकाला गया कि मुख मैथुन और संभोग के समय जिन महिलाओं में पुरुषों का वीर्य पहुंचा उनका मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य बहुत बेहतर था। वहीं कंडोम लगाकर सेक्‍स करने वाली महिलाओं में तनाव का स्‍तर ज्‍यादा देखा गया।

निष्‍कर्ष 
* शोधकर्ता गॉलअप एंड ब्रुच एवं मनोवैज्ञानिक स्‍टीवन प्‍लेटक की प्रकल्‍पना है कि जो महिलाएं असुरक्षित संभोग करती हैं वो तनाव की कम शिकार होती हैं।

* गोलुप की प्रयोगशाला ने यह भी निष्‍कर्ष निकाला कि वीर्य ग्रहण करने वाली महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करती हैं, क्‍योंकि उनकी एकाग्रता का स्‍तर बहुत अधिक होता है। कोई भी टास्‍क उनके संज्ञान में तेजी से आती हैं, जिसे अपनी एकाग्रता के बल पर वह उनका हल कर पाती हैं।

* शोधकर्ताओं ने तीसरा नतीजा यह निकाला कि मत भिन्‍नता वाले चिर स्‍थाई साथी की अपेक्षा अजनबियों से स्‍थापित सेक्‍स संबंध में स्रावित वीर्य महिलाओं के शरीर में अधिक सकारात्‍मक प्रभाव पैदा कर सकता है।


* शोधकर्ताओं की चौथी प्रकल्‍पना यह है कि अजनबी पुरुष से सेक्‍स करने पर महिलाओं में गर्भ ठहरने की आशंका कम रहती है। अजनबियों से सेक्‍स करने के दौरान महिलाएं जानती और सोचती हैं कि उन्‍हें उससे बच्‍चे नहीं चाहिए। यही कारण है कि सेक्‍स के दौरान उनका रक्‍तचाप बहुत बढ़ जाता है। यही नहीं, उनके पेशाब में प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ जाती है, जो शुक्राणुओं को नष्‍ट कर देता है।

* शोधकर्ताओं का कहना है कि अपने स्‍थाई पार्टनर के साथ असुरक्षित संभोग करने और बार-बार उससे गर्भधारण करने वाली महिलाओं को जब उनसे अलगाव का सामना करना पड़ता है तो वो अक्‍सर अवसाद की शिकार हो जाती हैं। लेकिन वहीं जो महिलाएं अपने साथी के साथ नियमित रूप से असुरक्षित संभोग नहीं करतीं, वो नए संबंध बनाने के लिए तुरंत तैयार हो जाती हैं और ऐसा वो अनजाने में प्रतिशोध या बदला लेने के लिए करती हैं।

* शोधकर्ताओं का कहना है कि सेक्‍स खुशी तो देता ही है, लेकिन जब एक स्‍त्री की योनि में वीर्य का स्राव तेजी से होता है तो वह आनंद से भर उठती है। कंडोम सेक्‍स में स्‍त्री को उस चरम आनंद की प्राप्ति नहीं हो पाती है। संभोग में चरम आनंद की दशा गहरे से गहरे तनाव को छूमंतर कर देती है।

स्त्रोत : आधी आबादी, "वीर्य महिलाओं को उबारता है डिप्रेशन से" Friday, 24 August 2012 16:59

2 comments:

  1. Thanks for sharing your post with us. Very informative post. For any health related problem visit http://www.hashmi.com/

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