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"हर एक स्त्री और पुरुष को प्यार करने और प्यार पाने का जन्मजात और प्राकृतिक अधिकार है। इसलिए हर एक व्यक्ति को प्रेम सम्बन्ध में होना चाहिए।"-"Every Woman and Man Have Inherent and Natural Right to Love and being Loved. Therefore Every Person Should be in Loving Relationship."

Tuesday 3 June 2014

कंडोम के दुष्प्रभाव

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

आजकल छोटी उम्र की लड़कियों से लेकर उम्रदराज स्त्रियों तक सभी के द्वारा कंडोम को सबसे सुरक्षित गर्भनिरोधक के रूप में उपयोग किया जा रहा है। यही कारन है कि शतप्रतिशत सेक्सवर्कर अर्थात स्त्री वैश्याएँ बिना ये जाने कि कंडोम की क्वालिटी अर्थात गुणवत्ता शुरक्षित है या नहीं,  कंडोम का धड़ल्ले से उपयोग कर रही हैं। बेफिक्री से कंडोम का उपयोग करने वाली वयस्क महिलाओं और छोटी उम्र की लड़कियों तक में कंडोम के दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी लड़कियॉं और स्त्रियॉं धड़ल्ले से कंडोम का उपयोग करने में कोई संकोच नहीं कर रही हैं। जिसके प्रमुख कारण हैं। प्रथम-हर वर्ग और जगह के आम-ओ-खास लोगों में कंडोम को सबसे सुरक्षित गर्भनिरोधक के रूप में मिल चुकी मान्यता। दूसरा-गर्भनिरोधक गोलियों का मंहगा होने के साथ, उनके साइड इफेक्ट का डर और तीसरा-कंडोम के दुष्प्रभावों के बारे में, विशेषकर स्त्रियों में अज्ञानता। अनेक डॉक्टर्स द्वारा किये गये क्लीनिकल अध्यनों से कंडोम के ऐसे-ऐसे दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं, जिनके चलते स्त्री का सेक्स जीवन ही समाप्त हो रहा है, जो आने वाले समय में स्त्रियों और पुरुषों के लिये गम्भीर रूप से चिन्ता का विषय है। अभी तक के अध्ययनों के परिणामों से कंडोम के निम्न दुष्प्रभाव सामने आये हैं :-

01. दर्द एवं एलर्जी : ऐसा देखा गया है कि लगातार अर्थात सप्ताह में दो से अधिक बार कंडोम का उपयोग करने से योनि की आंतरिक परत और झिली में संवेदनशीलता काम या समाप्त हो जाती है। जिसके कारन स्त्रियों की यौनि से स्खलित होने वाले प्राकृतिक लुब्रिकेंट (चिकनाई युक्त) दृव्यों का स्वत: स्खलन कम हो जाता है या पूरी तरह से बन्द हो भी जाता है। जिसके चलते यौनि में खरास या सूखापन आता देखा गया है। जिसके कारण कंडोम का अधिक उपयोग करने वाली औरतों की योनि स्पर्श कातर (छुअन से ही दर्द महसूस होने वाली) हो जाती है। ऐसी स्थिति का सामना कर रही स्त्रियों द्वारा अपने प्रेमी या पति के साथ बिना कंडोम के सेक्स करने पर यौनि में असहनीय दर्द, जलन, एलर्जी और खुजली होना आम बात है।

02. सेक्स में आनन्द नहीं : जो स्त्रियॉं कंडोम का अधिक उपयोग करती हैं, कुछ समय बाद उनकी योनि में यौनेच्छा तथा रोमांच पैदा करने वाली स्वाभाविक चिकनाई और पुरुष के स्पर्श की सुखद अनुभूति कम या समाप्त ही हो जाती है, जिससे उनके मन में सेक्स के प्रति रुचि और संवेदना तो कम या समाप्त होती देखी ही गयी है, इसके साथ-साथ ऐसी स्त्रियों के जीवन में सेक्स क्रिया भी दु:खदायी शारीरिक श्रम की भांति ही पीड़ादायक अनुभव में बदल जाती है। इस कारण ऐसी स्त्रियॉं बिना कंडोम सेक्स करने से कतराने लगती हैं। ऐसी सूरत में उनके लिए कंडोम का उपयोग अपरिहार्य हो जाता है।

03. योनि ग्रीवा में कटाव और घाव : उक्त बिंदु दो में बताये गए में कंडोम का अधिक उपयोग करने से योनि ग्रीवा में कटाव और छिलन के साथ-साथ दर्दनाक घाव भी होते देखे गये हैं। जिसके चलते योनि में सोजन आ जाती है। योनि में सोजन की स्थिति में सेक्स करने पर योनि का आन्तरिक हिस्सा फिर से घायल हो जाता है। जिससे योनि में फिर से जख्म हरे हो जाते हैं। कई बार जख्मों से रक्तस्त्राव भी होने लगता है। जिसे स्त्रियॉं असमय मासिक चक्र का आना मानकर उसकी परवाह नहीं करती हैं और इस कारण से उन्हें जननांगों और गर्भाशय में भयंकर संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। जिससे योनि ग्रीवा या गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है।

04. संक्रमित स्त्रियों के साथ बिना कंडोम सेक्स करने पर पुरुषों की लिंग में दर्द : लगातार कंडोम का उपयोग करने वाली स्त्रियों की योनि की आन्तरिक परत की स्वाभाविक नाजुकता, चिकनाई तथा लोच प्राय: समाप्त हो जाती है। योनि के आन्तरिक हिस्से में सोजन आ जाने या रूखापन आ जाने की वजह से योनि की नलिका (जिसमें सम्भोग क्रिया की जाती है वह) सकड़ी (छोटी) हो जाती है, जिससे योनि में लिगं को प्रवेश कराने में भी दिक्कत होती है। योनि इतनी सूखी और कठोर हो जाती है कि बिना कं डोम सेक्स करने वाले पुरुष की लिंग के साथ योनि की आंतरिक रूखी त्वचा का घर्षण होने से सेक्स क्रिया के दौरान लिंग में दर्दनाक पीड़ा होती है, जिससे लिगं पर छाले तथा जख्म हो जाते हैं। आम तौर पर वैश्याओं की योनि में ऐसे लक्षण देखे गये हैं। विशेषकर उन स्त्रियों में जो दोहरा जीवन जीती हैं। जैसे घरेलु औरतें किसी कारण से गुप-चुप वैश्यावृति करती हैं, उनके पतियों के ओर से डॉक्टरों को इस प्रकार की शिकायत की जाती हैं कि सेक्स करने से उनके लिंग में जख्म आ जाते हैं। लिंग को योनि में प्रवेश कराने में दिक्कत होती है। चिनाई या जैली का उपयोग करने के बाद भी ऐसी स्त्रियों के पतियों को बिना कंडोम सेक्स करने पर भयंकर दर्द का सामना करना पड़ता है। सेक्स करने के बाद कई दिन तक उनके लिंग में सोजन आ जाती है या लिंग के बाहरी हिस्से में जख्म हो जाते हैं। जिसके चलते वे सेक्स करने से ही कतराने लगते हैं।

06-लेटेक्स के बने कंडोम : लेटेक्स के बने कंडोम आपको गर्भधारण और योन-संचारित रोगों से बचाते हैं। मगर ये एलर्जी का सबसे आम कारण हैं और सेक्स के दौरान स्त्री की प्रतिक्रिया को घटा देते हैं, क्योंकि इसके प्रयोग के कारण योनि में सूखापन और खुजली के रूप में देखा गया है। इसका सबसे खराब दुष्प्रभाव है, स्त्री-पुरुष के जननांगों पर गंभीर दाने या जानलेवा आघात के रूप में दिख सकता है।

07-योनि की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान : प्रकृति ने जननांगों को खुद ही अपनी प्रतिरक्षा की जन्मजात शक्ति प्रदान की लेकिन यदि सप्ताह में दो बार से अधिक कंडोम का उपयोग किया जाता है तो कंडोम योनि की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके उपयोग से योनि की अम्लीय वातावरण में उथल-पुथल पैदा हो जाती है।

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